Kavya Soni

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लेखनी प्रतियोगिता -07-Nov-2022लौटती यादें

जितना प्यारा था तेरा मुझसे मिल जाना

उतना ही दर्द भरा तुमसे बिछड़ने का अफसाना

शूल सी चुभन देती जब लौटती यादें

सुने न कोई दर्द भरी फरियादें

यादों का नशा भी है बुरी आदत

ताउम्र की तड़प से गई तेरी ये चाहत

कभी हंसाती कभी रुलाती

ये लौटती यादें दिल से खेल जाती

हां अक्सर तन्हाई में

ख्यालों के किनारे पर लौटती है यादें

और कमज़ोर कर देती है सारे इरादें

मुलाकात को मचलती है मन की लहरें
तेरे ख्यालों में भीग कर तेरे और हम हो जाते है
तेरे ख्यालों में जीते है किसी और के ना हम हो पाते है
तेरी यादों में भीगी नम शाम
रातें भी कर रखी है हमने तेरे ही नाम
तुम दूर होकर भी रहते इतने पास
हर लौटती याद में बसा तेरा अहसास
जितना प्यारा था तेरा मुझ से मिल जाना
उससे कई दर्द भरा तुमसे जुदाई का अफसाना

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9 Comments

Gunjan Kamal

15-Nov-2022 05:22 PM

शानदार

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Suryansh

08-Nov-2022 10:21 AM

बहुत ही उम्दा अभिव्यक्ति

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Punam verma

08-Nov-2022 09:36 AM

Nice

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